– प्रधानमंत्री मोदी के 2047 के विकसित भारत के सपने को साकार करने हेतु स्वदेशी अपनाने का संदेश
– फरीदाबाद की धरा पर एक साथ 2500 से अधिक विद्यार्थियों ने किया गीता के श्लोकों का उच्चारण
– विधायक सतीश फागना ने गीता जयंती महोत्सव में जनकल्याणकारी स्टॉलों का किया निरीक्षण
फरीदाबाद, 01 दिसंबर।
जिला स्तरीय गीता महोत्सव के तीसरे दिन की शुरुआत प्रातः कालीन सत्र में हवन के साथ हुई जिसके बाद जिला फरीदाबाद में गीता महोत्सव में श्रीमद्भागवत गीता श्लोक उच्चारण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिला के विभिन्न स्कूलों के 2500 से अधिक विद्यार्थियों के साथ साथ जिला के विभिन्न धार्मिक संस्थानों में श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों का उच्चारण किया गया। श्रीमद्भागवत गीता श्लोक उच्चारण कार्यक्रम में एनआईटी विधायक सतीश फ़ागना ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। श्लोक उच्चारण कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर निगम की जॉइंट कमिश्नर जितेंद्र जोशी ने की तथा जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी मूर्ति दलाल, जिला शिक्षा अधिकारी अंशुल सिंगला उपस्थित रही।
एनआईटी फरीदाबाद विधायक सतीश फ़ागना ने श्रीमद्भागवत गीता श्लोक उच्चारण कार्यक्रम के पश्चात् सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा लगाई गई श्रीमद्भगवद गीता पर आधारित विशेष प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें गीता के अठारह अध्यायों का सार, महाभारत के प्रमुख प्रसंग, भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश, तथा आधुनिक जीवन में गीता के संदेश की प्रासंगिकता को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया। इसके साथ ही विभिन्न विभागों तथा सामाजिक/धार्मिक संस्थाओं द्वारा लगाए गए जनकल्याणकारी स्टॉलों का भी निरीक्षण किया गया।
गीता जयंती के अवसर पर आज आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में संबोधित करते हुए विधायक सतीश फ़ागना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में तथा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में हरियाणा के सभी जिलों में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव गरिमापूर्ण वातावरण में मनाया जा रहा है। इस पहल ने न केवल भारतीय ज्ञान–परंपरा को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई है, बल्कि समाज को सांस्कृतिक रूप से भी एकजुट किया है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता विश्व का सबसे व्यापक आध्यात्मिक ज्ञान–ग्रंथ है, जो मानव जीवन के कठिनतम क्षणों में भी मार्गदर्शन प्रदान करता है। गीता न केवल जीवन के आदर्श, संतुलन और संस्कारों का शिक्षण देती है, बल्कि धर्मनिष्ठ रहते हुए उत्तम जीवन जीने की प्रेरणा भी देती है। इसमें वर्णित 700 श्लोक और 18 अध्याय जीवन प्रबंधन, नैतिक आचरण और कर्म के महत्व को वैज्ञानिक एवं तर्कपूर्ण ढंग से समझाते हैं। गीता का अध्ययन केवल आध्यात्मिक साधना नहीं, बल्कि जीवन की चुनौतियों से निकलने का सशक्त माध्यम भी है। तनाव, भ्रम या कठिन परिस्थितियों में गीता का संदेश सही–गलत की पहचान कर जीवन को सकारात्मक दिशा देने का कार्य करता है। इसी प्रेरणा के साथ गीता जयंती पर सभी नागरिकों से आह्वान किया गया कि वे अपने जीवन में गीता के मूल सिद्धांतों—धैर्य, सत्य, कर्मनिष्ठा और आत्मबल—को अपनाने का संकल्प लें।
उन्होंने कहा कि इस पावन दिवस पर यह संकल्प लें कि वे कठिनाइयों के आगे कभी पीछे नहीं हटेंगे, चुनौतियों का दृढ़ता से सामना करेंगे और अपने जीवन व अपने शहर को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। फरीदाबाद को अधिक स्वच्छ, सुरक्षित, विकसित और रोजगार–समृद्ध शहर बनाने के लक्ष्य पर बल देते हुए कहा गया कि यह परिवर्तन तभी संभव है जब समाज एक परिवार की तरह मिलकर आगे बढ़े। सामूहिक सहभागिता से पैदा हुई ऊर्जा न केवल बदलाव लाती है बल्कि भविष्य की दिशा भी तय करती है। वक्ताओं ने कहा कि जिसने अपने भीतर के अर्जुन को जागृत कर लिया, वही जीवन के महाभारत में सफलता प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 के विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सभी को मिलकर स्वदेशी उत्पादों और परंपराओं को अपनाना होगा। उन्होंने बताया कि स्थानीय उत्पादन, विज्ञान, तकनीक और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देकर न केवल आर्थिक स्वावलंबन सुनिश्चित किया जा सकता है, बल्कि समाज में आत्मनिर्भरता की भावना भी विकसित होगी। इसके साथ ही उन्होंने नागरिकों से अपील की कि हर व्यक्ति अपने क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दे और देश के विकास में सक्रिय योगदान करें।
गीता महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक मंच से प्रतिभागियों ने गीता जयंती पर आधारित ‘म्हारी गीता जयंती फरीदाबाद मै आकै देखो जी’ के माध्यम से श्रोताओं और दर्शकों का मन मोह लिया और कार्यक्रम में समा बांध दिया। कलाकारों ने भजनों व गीतों की प्रस्तुति के माध्यम से जहां दर्शकों एवं श्रोताओं का मनोरंजन किया, वहीं उनमें श्रद्धा व भक्ति भाव बढ़ाने का काम किया। गीता महोत्सव में विभिन्न स्कूलों के प्रतिभागियों ने गीता पर आधारित अनेक मनमोहक, रंगारंग व सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर महोत्सव को शोभायमान बना दिया।
इस अवसर पर डीईओ अंशुल सिंगला, रेडक्रॉस सचिव बिजेंद्र सरोत सहित विभिन्न इंडस्ट्रियलिस्ट एसोसिएशन, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि गण मौजूद रहे।



