फरीदाबाद के दो अलग अलग स्थानों पर नशे के विरुद्ध किया जागरूक

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जीवन में नशा न करने की ली सौगंध

फरीदाबाद| हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री ओ.पी. सिंह साहब के दिशानिर्देशों, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री सिमरदीप सिंह के मार्गदर्शन एवं पुलिस अधीक्षक श्री शशांक कुमार सावन साहब, पुलिस अधीक्षक सुश्री नीतिका गहलोत भापुसे, पुलिस अधीक्षक सुश्री पंखुड़ी कुमार के आदेशानुसार हरियाणा को नशा मुक्त करने के लिए प्रतिदिन अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है तो दूसरी और नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ब्यूरो द्वारा जागरूकता कार्यक्रम के विशेष रूप से जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा नियुक्त हैं जो हरियाणा के विभिन्न ज़िलों में नशे के विरुद्ध प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं। इस कड़ी में आज राजकीय औद्योगिक संस्थान एनआईटी 4 और राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सेक्टर 18 ए में नशे के विरुद्ध अलग अलग एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। संस्थान के प्राचार्य कप्तान रविंद्र अत्तरी और सुरेश कुमार गौड़ की उपस्थिति में यह कार्यक्रम हुआ। ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी/उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा 1985 में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांस एक्ट बनाया गया था। इस अधिनियम के अंतर्गत अफीम, भांग, गांजा, चरस, हेरोइन, स्मैक, चिट्टा, एलएसडी, नशीली गोलियां, नशीले टीके आदि पर सम्पूर्ण भारत में प्रतिबन्ध लगाया गया है। कोई भी व्यक्ति एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत इन मादक पदार्थों एवं नशीली औषधियों का न तो सेवन कर सकता है। न अपने पास रख सकता है। न क्रय विक्रय कर सकता है। न ही ऐसे किसी कार्य में सहयोग कर सकता है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 में एक सर्वेक्षण करवाया गया था। इस सर्वेक्षण में यह तथ्य सम्मान आए कि भारत के 256 ज़िले पूर्ण रूप से ड्रग्स से प्रभावित हैं और हरियाणा के उस समय 12 ज़िले प्रभावित थे। हरियाणा में 25 अगस्त 2020 को हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का गठन किया गया जिसका उदेश्य एकमात्र हरियाणा को नशा मुक्त करना है। इस कड़ी में हरियाणा पुलिस और ब्यूरो द्वारा पिछले वर्ष 365 दिनों में 3823 अभियोगों में 5460 नशा तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा है। इतना ही नहीं 87 नशा तस्करी में संलिप्त अपराधियों की अवैध सम्पति पर बुलडोज़र चलाकर उन्हें सलाखों के पीछे भेजा गया है। लेकिन सब कुछ होने पर भी जागरूकता के बिना हम हरियाणा को पूर्ण रूप से नशा मुक्त नहीं कर पाएंगे। इसीलिए हरियाणा में ब्यूरो द्वारा प्रतिदिन नशे के विरुद्ध प्रचार प्रसार करके युवाओं को नशे से दूर रहने को प्रेरित किया जा रहा है। डॉ. वर्मा ने आगे कहा कि प्रतिबंधित नशे के साथ साथ बीड़ी सिगरेट तम्बाकू और मदिरा स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक घातक है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों पर दृष्टिपात करते हुए कहा कि पूरे विश्व में एक वर्ष में तम्बाकू जनित रोगों से मरने वाले लोगों की औसत 70 लाख है जबकि भारत में यह आंकड़ा 17 लाख प्रतिवर्ष है। उन्होंने युवाओं को बताया कि इससे कैंसर जैसे भयंकर रोग मनुष्य के जीवन का हर रहे है। प्रत्येक 4 सेकंड में एक व्यक्ति धूम्रपान और तम्बाकू के कारण मरता है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. वर्मा ने युवाओं से शपथ ग्रहण करवाई।

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