Front News Today: आजमगढ़ के निजामाबाद की अपने ब्लैक पॉटरी के लिए देश दुनिया में अपनी एक पहचान है। यहाँ के शिल्पकार अपनी कला से यहाँ मिलने वाली विशेष काली मिट्टी से एक से एक कलात्मक सामानों को बनाते है जो लोगो को खूब भाते है। तरह तरह के नित नए सामानों से लोगो का दिल मोह लेते है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस दीपावली पर्व पर भी नए आकर्षक डिजाइनों के दीपक देश के हर क्षेत्र में जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्ष पहले यही शिल्पकार ब्लैक पॉटरी की कम बिक्री से निराश होकर दूसरे अन्य कार्यो में लग गए थे लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार ने ODOP (One District One Products) योजना के अंतर्गत इसको लाकर इसको एक नई पहचान दी। जिससे इस कला में कुम्हारों का रुझान फिर से बढ़ा और अब तो मिट्टी के कूकर व अन्य बर्तन भी गए जो बहुत बार इस्तेमाल किये जा सकते है। स्वास्थ्य की दृष्टि से मिट्टी के बर्तन में बना हुआ भोजन अधिक स्वादिष्ट के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
आजमगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर निजामाबाद में बने ब्लैक् पॉटरी के सामान दुनिया में मशहूर है। यहां पर काली मिट्टी से बनने वाले उत्पादों की मांग देश के कई राज्यों में रहती है। यही कारण है कि त्योहारों के पहले ही यहां से सामानों की आपूर्ति की जाती है। 200 से अधिक परिवार ब्लैक पॉटरी के व्यवसाय से जुड़कर अपनी अजीविका चलाते हैं। निज़ामाबाद का यह कुटीर उद्योग है और घर के सदस्य इस काम मे लगे रहते हैं। यहां के बने करवे, दीपक और छठ के दिये की धूम पूरे देश में रहती है। यही कारण है कि यहां पर पूरे वर्ष मिट्टी के समान बनाने का काम चलता रहता है। अयोध्या में जब से दीपोत्सव शुरू हुआ है, प्रति वर्ष निजामाबाद में बनने वाले बड़ी संख्या में मिट्टी के दिए जाते थे। विगत वर्ष भी एक लाख से अधिक दीपक यहीं से गए थे। पर पहली बार ऐसा नहीं हो रहा है जब यहां के बनने वाले दीपक अयोध्या नहीं जा रहे हैं, जिससे मिट्टी के कारीगर मायूस तो हैं लेकिन इसके बावजूद अयोध्या में दीपोत्सव को लेकर बहुत खुश हैं क्योकि इसमें प्रयोग होने वाले दीपक मिट्टी के ही है और उसको किसी कुम्हार भाई ने ही बनाया है ।



