डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन ने विश्व पर्यावरण दिवस पर 55,000 किलोग्राम कागज रीसायकल कर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए बनाए नोटबुक

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डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन ने विश्व पर्यावरण दिवस पर 55,000 किलोग्राम कागज रीसायकल कर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए बनाए नोटबुक
फरीदाबाद, 5 जून: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मानव रचना एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (एमआरईआई) की सामाजिक शाखा, डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन ने अपनी प्रतिबद्धता को शिक्षा और सतत विकास के प्रति दोहराते हुए ‘रद्दी रीसायकल पहल’ के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस पहल के माध्यम से अब तक 55,000 किलोग्राम बेकार कागज और गत्ते को रीसायकल कर सरकारी स्कूलों और एनजीओ में पढ़ने वाले बच्चों के लिए नोटबुक में बदला गया है।
साल 2022 में शुरू हुई इस पहल के अंतर्गत मानव रचना परिसर में एकत्र किए गए कागज को उपयोगी नोटबुक्स में परिवर्तित किया जाता है, जो सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लक्कड़पुर, अंकिर, भांकरी) और लोरिया प्रगतिशील अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन जैसे संगठनों के विद्यार्थियों को वितरित किए जाते हैं।
अब तक इस पहल के अंतर्गत 25,000 से अधिक नोटबुक तैयार की जा चुकी हैं, जिनमें से 15,000 से अधिक नोटबुक छात्रों तक पहुँच चुकी हैं। यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा की पहुँच को एक साथ साधने का परिचायक है।
फाउंडेशन की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर डॉ. वैशाली माथुर ने कहा, “यह पहल हमारी सोच को दर्शाती है कि कैसे हम सतत विकास को शिक्षा से जोड़ सकते हैं। जब बेकार कागज उपयोगी अध्ययन सामग्री में बदलता है, तो यह एक छोटी-सी लेकिन प्रभावशाली पहल बन जाती है।”
डॉ. एन.सी. वाधवा, महानिदेशक, एमआरईआई और उपाध्यक्ष, डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन ने कहा, “हर रीसायकल की गई नोटबुक के पीछे छात्रों, स्टाफ और स्वयंसेवकों का समर्पण है, जो सामूहिक प्रयासों से प्रभाव पैदा करने में विश्वास रखते हैं। यह परियोजना हमारे मूल्यों को दर्शाती है—दूसरों को लौटाना, अपशिष्ट को कम करना और सभी के लिए सीखने का अवसर प्रदान करना।”
सत्य भल्ला, मुख्य संरक्षक, एमआरईआई और चेयरपर्सन, डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन ने कहा, “यह पहल डॉ. ओ.पी. भल्ला के समावेशी और सशक्त भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है। यह न केवल पर्यावरण और बच्चों की शिक्षा के प्रति हमारी संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि एकजुटता और आशा की भावना को भी प्रेरित करती है। इस पहल को अर्थपूर्ण बनाने वाला तत्व है—हर उस व्यक्ति की साझी प्रतिबद्धता, जो मिलकर बच्चों के लिए बेहतर भविष्य गढ़ने में विश्वास रखते हैं।”
डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन ने इस विश्व पर्यावरण दिवस को केवल औपचारिकता तक सीमित न रखते हुए, व्यावहारिक और ठोस कार्यों से इसे सार्थक बना दिया है। फाउंडेशन वर्षभर कागज एकत्र करने के अभियान चलाता है और परिसर में उत्पन्न कचरे को प्रभावी संसाधनों में बदलता है।

डॉ. ओ. पी. भल्ला फाउंडेशन के बारे में:
डॉ. ओ. पी. भल्ला फाउंडेशन, मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों की सामाजिक विकास शाखा है, जिसकी स्थापना शिक्षाविद और समाजसेवी डॉ. ओ. पी. भल्ला की स्मृति में की गई थी। यह फाउंडेशन शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, कौशल विकास और समुदाय सशक्तिकरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कार्य करता है। अपने सतत जनसंपर्क कार्यक्रमों, रणनीतिक भागीदारी और जमीनी स्तर की पहलों के माध्यम से यह समावेशी अवसरों का निर्माण कर, सतत विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट पर जाएं: https://dropbhallafoundation.org

एमआरईआई के बारे में:
साल 1997 में स्थापित मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (एमआरईआई) शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक हैं, जो विभिन्न विषयों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करते हैं। 41,000 से अधिक पूर्व छात्रों, 135+ वैश्विक अकादमिक सहयोगों और 80+ नवाचार एवं स्टार्टअप प्रयासों के साथ, एमआरईआई के अंतर्गत प्रमुख संस्थान शामिल हैं:
• मानव रचना यूनिवर्सिटी (MRU)
• मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज़ (MRIIRS) – NAAC A++ मान्यता प्राप्त
• मानव रचना डेंटल कॉलेज (MRIIRS के अंतर्गत) – NABH मान्यता प्राप्त
एमआरईआई के देशभर में 12 स्कूल हैं, जो भारतीय एवं अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम (IB, Cambridge) प्रदान करते हैं।
एमआरईआई को NIRF-MHRD, TOI, Outlook, Business World, ARIIA, Careers360 जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफार्मों पर शीर्ष रैंकिंग प्राप्त है। MRIIRS को QS 5-Star रेटिंग्स मिली हैं शिक्षा, रोजगार, अकादमिक विकास, सुविधाएं, सामाजिक जिम्मेदारी और समावेशिता जैसे क्षेत्रों में। MRIIRS को NIRF रैंकिंग 2024 में भारत की टॉप 100 यूनिवर्सिटीज़ में शामिल किया गया है, जहाँ इसे 92वीं रैंक और डेंटल श्रेणी में 38वीं रैंक प्राप्त हुई है।
अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट पर जाएं: https://manavrachna.edu.in

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