– 25 से 29 दिसंबर 2025 तक सौर जल पम्पिंग सिस्टम के लिए होंगे आवेदन
फरीदाबाद, 24 दिसंबर।
एडीसी सतबीर मान ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए स्वच्छ एवं सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत वर्ष 2025-26 के लिए सौर जल पम्पिंग सिस्टम लगाने हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस योजना के तहत सरल हरियाणा पोर्टल saralharyana.gov.in पर किसानों के लिए 12 श्रेणियों में लगभग 8050 सोलर पम्पों के नए आवेदन 25 दिसंबर 2025 से 29 दिसंबर 2025 तक स्वीकार किए जाएंगे। इच्छुक किसान पोर्टल पर लॉग-इन कर अपनी आवश्यकता अनुसार सोलर पम्प की क्षमता एवं प्रकार का चयन कर सकते हैं, अपनी पसंद की कंपनी चुन सकते हैं तथा निर्धारित लाभार्थी अंश जमा कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत 3 एच.पी. से 10 एच.पी. तक के सौर पम्पों पर 75 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान है। जिन किसानों के पास पहले से बिजली आधारित कृषि कनेक्शन (यूएचबीवीएन/डीएचबीवीएन) हैं, उन्हें सोलर पम्प कनेक्शन लेने की स्थिति में अपना स्थायी बिजली कनेक्शन समर्पित करना होगा। वर्ष 2019 से 2023 के बीच जिन किसानों ने बिजली आधारित कृषि ट्यूबवेल के लिए आवेदन किया था, उन्हें पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पम्प कनेक्शन में प्राथमिकता दी जाएगी। इस वर्ष लाभार्थियों का चयन परिवार की वार्षिक आय एवं भूमि जोत के आधार पर किया जाएगा।
आवेदन के लिए किसान के पास परिवार पहचान पत्र (PPP) होना अनिवार्य है तथा परिवार के नाम पर पहले से कोई सोलर पम्प या बिजली आधारित कृषि पम्प नहीं होना चाहिए। आवेदक के नाम कृषि भूमि की जमाबंदी/फर्द होना आवश्यक है। हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के सर्वेक्षण के अनुसार जिन गांवों में भूजल स्तर 100 फीट से नीचे है, वहां सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अनिवार्य होगी, जबकि अन्य क्षेत्रों में भूमिगत पाइपलाइन या सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली लगानी होगी। धान उगाने वाले वे किसान जिनके क्षेत्र में भूजल स्तर 40 मीटर से नीचे चला गया है, इस योजना के पात्र नहीं होंगे। योजना की विस्तृत नियम एवं शर्तें विभाग की वेबसाइट *[http://hareda.gov.in](http://hareda.gov.in)* पर उपलब्ध हैं।
पम्प स्थापना के लिए किसान को सरल पोर्टल पर फैमिली आईडी के माध्यम से सत्यापन कर सोलर पम्प की क्षमता तथा एक कंपनी का चयन करना होगा। आवेदन जमा करने के बाद प्राप्त चालान में दिए गए वर्चुअल अकाउंट नंबर में लाभार्थी अंश NEFT/RTGS के माध्यम से जमा करना होगा। सर्वे के समय किसान को अपनी जमीन की फर्द तथा जमा किए गए लाभार्थी अंश का प्रमाण चयनित कंपनी को देना होगा। इसके बाद विभाग द्वारा कार्य आदेश जारी किए जाएंगे।
पम्प स्थापना से पूर्व कंपनी द्वारा खेत में सर्वे किया जाएगा, जिसमें पम्प के हेड का चयन सावधानीपूर्वक करना आवश्यक है। किसान को अपने खर्च पर बोरिंग कराकर देना होगा, जबकि शेष स्थापना कार्य कंपनी द्वारा किया जाएगा। पम्प पर 5 वर्ष की वारंटी तथा चोरी एवं प्राकृतिक आपदा से संबंधित बीमा सुविधा उपलब्ध होगी। पम्प का स्थानांतरण, बिक्री या दुरुपयोग किए जाने पर किसान से सब्सिडी राशि वसूल की जाएगी तथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। योजना का उद्देश्य किसानों की सिंचाई लागत कम करना, भूजल संरक्षण को बढ़ावा देना और कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करना है।
सोलर पंप की सम्पूर्ण तकनीकी विशिष्टताओं की जानकारी के लिए विभाग की वेबसाईट (http://hareda.gov.in) या MNRE की वेबसाईट mnre.gov.in पर जाएं।
अधिक जानकारी के लिए अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में परियोजना अधिकारी / सहायक परियोजना अधिकारी, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग एवं कार्यालय के दूरभाष न. 0172-3504085 पर प्रातः 9:00 से 5:00 सांय बजे तक सम्पर्क कर सकते है।



