बदलते आधुनिक परिवेश में छात्रों व शिक्षकों के लिए मानसिक शांति अत्यंत जरूरी: डॉ पीयूष जैन

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9 अक्टूबर 2025. विट्ठलभाई हाउस नई दिल्ली स्थित एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय कार्यालय में आज “इंटरनेशनल पीस कॉन्फ्रेंस” के पोस्टर का भव्य विमोचन किया गया।
यह सम्मेलन आगामी 11 अक्टूबर को फरीदाबाद स्थित अमृता हॉस्पिटल में आयोजित किया जाएगा।
यह अंतरराष्ट्रीय आयोजन इंटरनेशनल यूनाइटेड एजुकेशनिस्ट फ्रेटरनिटी ट्रस्ट, श्रीराम सोसाइटी ऑफ रियल एजुकेशन तथा हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य शिक्षा जगत से जुड़े लोगों में मानसिक स्वास्थ्य, आत्म-संतुलन और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम के पोस्टर का विमोचन एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव डॉ. पीयूष जैन, वरिष्ठ पत्रकार पंकज मिश्र, फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय मीडिया सलाहकार दिनेश कुमार गौड़, तथा पेफी गेम्स के सीईओ संदीप चौधरी ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने शिक्षा जगत में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी वातावरण में शिक्षकों और शिक्षाविदों के लिए मानसिक संतुलन, आत्मबल और सकारात्मक दृष्टिकोण अत्यंत आवश्यक हैं। शिक्षण केवल ज्ञान का संप्रेषण नहीं, बल्कि भावनात्मक और मानसिक विकास की प्रक्रिया भी है। डॉ. पीयूष जैन ने प्रख्यात शिक्षा विद डॉ अमृता ज्योति के प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य उतना ही आवश्यक है जितना छात्रों के लिए शांत और संतुलित वातावरण, इसके लिए शिक्षक ही विद्यार्थियों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकता है।पंकज मिश्र ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन समाज में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ शिक्षकों और शिक्षाविदों को मानसिक रूप से सशक्त करने का माध्यम हैं। इस मौके पर दिनेश कुमार गौड़ ने कहा कि शिक्षा जगत में वैलनेस की अवधारणा को अपनाना समय की आवश्यकता है, जिससे एक स्वस्थ और समर्थ शिक्षण वातावरण का निर्माण हो सके। संदीप चौधरी ने कहा कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में देश-विदेश के प्रख्यात शिक्षाविद, मनोवैज्ञानिक, समाजसेवी और स्कूल प्रबंधक भाग लेंगे। सम्मेलन के दौरान विभिन्न सत्रों में माइंडफुलनेस, स्ट्रेस मैनेजमेंट, पॉजिटिव एजुकेशन, इमोशनल वेलनेस और स्कूल कल्चर में मानसिक स्वास्थ्य की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।

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