– चांग में पराली प्रबंधन की आधुनिक तकनीकों पर शिविर
भिवानी, 2 दिसम्बर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया के निर्देशानुसार प्राधिकरण के सीजेएम-कम-सचिव पवन कुमार के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से चांग गांव स्थित जांगड़ा धर्मशाला में आयोजित किया गया।
इस जागरूकता शिविर का मुख्य उद्देश्य किसानों को पराली प्रबंधन की आधुनिक तकनीकों से अवगत कराना था, ताकि पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। इस शिविर में कृषि और किसान कल्याण विभाग के ए.ए.ई इंजीनियर नसीब सिंह, एस.एम.एस. डॉ. विजय डाबला और डॉ. वीरेंद्र भास्कर ने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन की आधुनिक तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, और इस पर नियंत्रण के लिए नई तकनीकों का उपयोग जरूरी है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत किसानों को सहायता दी जाती है, जिससे वे पराली प्रबंधन की आधुनिक तकनीकों को अपनाकर न केवल प्रदूषण नियंत्रण में योगदान दे सकें, बल्कि अपनी कृषि कार्यों को भी सुदृढ़ बना सकें। इस कार्यक्रम में चांग गांव के कई किसान और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। जागरूकता शिविर में पराली प्रबंधन के अलावा अन्य कृषि संबंधित योजनाओं के बारे में भी किसानों को बताया गया। इससे किसानों को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का अधिकतम लाभ उठाने की प्रेरणा मिली। कृषि और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से यह आयोजन महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसने किसानों को प्रदूषण नियंत्रण के उपायों के प्रति जागरूक किया और उन्हें अपने कार्यों में सुधार लाने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम के समापन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों और कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों से अपील की कि वे इस योजना का लाभ उठाकर पराली जलाने की बजाय उसका प्रबंधन करें, जिससे प्रदूषण में कमी आए और कृषि कार्यों को भी स्थिरता मिले।



