इस स्वतंत्रता दिवस पर स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया ने पूरा किया

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‘सुरक्षित सड़के, सुरक्षित भारत’ का वादा

सेवलाईफ फाउंडेशन के सहयोग से इस पहल से एनएच-19 के आगरा–इटावा–चकेरी खंड पर 7.20 लाख से अधिक यात्रियों को मिला लाभ — सुरक्षित बुनियादी ढांचा, बेहतर एन्फोर्समेंट, इमरजेंसी केयर ट्रेनिंग और जागरूकता अभियान

पुणे, 14 अगस्त 2025: भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (SAVWIPL) ने सेवलाईफ फाउंडेशन के साथ साझेदारी में उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग 19 के आगरा–इटावा–चकेरी खंड पर दो साल के जीरो फेटालिटी कॉरिडोर कार्यक्रम की सफल पूर्णता की घोषणा की।

सेवलाईफ फाउंडेशन की जेडएफसी पद्धति ने सड़क दुर्घटना मृत्यु दर कम करने के लिए एक बहुआयामी और साक्ष्य-आधारित मॉडल विकसित किया है, जो 4ई — इंजीनियरिंग, इमरजेंसी केयर, एनफोर्समेंट और एजुकेशन — पर आधारित है और जिसे अन्य स्थानों पर भी अपनाया जा सकता है।
इस ‘सुरक्षित सड़के, सुरक्षित भारत’ पहल के तहत सड़क दुर्घटना मृत्यु दर में बेसलाइन वर्ष की तुलना में 7.5% की कमी आई, जिससे 7.2 लाख से अधिक यात्रियों के लिए सड़क सुरक्षा में सुधार हुआ।

नवंबर 2022 में शुरू हुए इस कार्यक्रम का लक्ष्य देश के सबसे अधिक जोखिम वाले कॉरिडोर में से एक पर सुरक्षा सुधार लाना था। इसके तहत इंजीनियरिंग से जुड़ी सुरक्षा सुधार योजनाएं लागू की गईं, इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन उपकरण लगाए गए, स्थानीय जरूरत के हिसाब से असरदार साइनबोर्ड स्थापित किए गए और ट्रॉमा केयर सिस्टम को मजबूत किया गया। परियोजना टीम ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), उत्तर प्रदेश पुलिस, परिवहन विभाग, राज्य सड़क सुरक्षा समिति और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर स्थायी बदलाव और अन्य स्थानों के लिए अपनाने योग्य मॉडल तैयार किया।

मुख्य उपलब्धियां:

● 16,000 से अधिक पहचानी गई खामियों में से 7,000+ इंजीनियरिंग खतरों का निवारण

● क्रैश बैरियर, स्पीड कंट्रोल उपाय और पैदल यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं जैसी रणनीतिक सुरक्षा उन्नयन

● 300+ फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स को बेसिक ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट (BTLS) में प्रशिक्षित किया गया

● 150+ वाणिज्यिक वाहन चालकों को एंटीसिपेटरी ड्राइविंग तकनीकों में प्रशिक्षण

● आउटडोर मीडिया और स्थानीय संपर्क के माध्यम से जागरूकता अभियान — 13 स्थानों पर रणनीतिक बिलबोर्ड और ढाबा ब्रांडिंग

● पुनः डिजाइन किए गए चौराहों के लिए स्पष्ट सुरक्षा दिशानिर्देशों वाले हिंदी और अंग्रेजी पम्फलेट का वितरण

पीयूष अरोड़ा, प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, एसएवीडब्ल्यूआईपीएल ने कहा: “हमारे लिए ऑटोमोबाइल क्षेत्र में प्रगति का अर्थ सिर्फ इनोवेशन नहीं, बल्कि सुरक्षित समुदाय बनाना भी है। हमारे मेड-इन-इंडिया मॉडल ने 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग हासिल की है, और हम इस सुरक्षा को अपनी कारों से आगे बढ़ाकर सड़कों पर भी लाना चाहते हैं। सेवलाईफ फाउंडेशन के साथ एनएच 19 जीरो फेटालिटी कॉरिडोर यह दर्शाता है कि जब इंजीनियरिंग, प्रवर्तन, प्रशिक्षण और जागरूकता साथ आते हैं, तो जीवन बचते हैं। यह ठोस परिणाम हमारे आत्मनिर्भर भारत के उस विजन को मजबूत करता है, जिसमें स्वतंत्रता का मतलब बिना डर के यात्रा करने की आज़ादी भी है।”

यह एसएवीडब्ल्यूआईपीएल द्वारा समर्थित दूसरा विजन जीरो फेटालिटी कॉरिडोर प्रोजेक्ट है। इससे पहले मुंबई–पुणे हाईवे पहल में 61% मृत्यु दर में कमी दर्ज की गई थी। सरकारी तंत्र में इन समाधानों के एकीकृत होने के बाद, एएच 19 मॉडल पूरे देश में सड़क सुरक्षा उपायों के विस्तार के लिए एक खाका प्रदान करता है।

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