• माननीय गृह मंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर शहरी विकास और आवास के भविष्य पर उद्योग जगत के विशेषज्ञों से चर्चा की।
• क्रेडाई ने आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और इको-फ्रेंडली रियल एस्टेट को बढ़ावा देने के लिए अहम रणनीतिक समझौतों की घोषणा की।
• दिन का समापन क्रेडाई अवार्ड्स फॉर रियल एस्टेट एक्सीलेंस के साथ हुआ, जहाँ रियल एस्टेट क्षेत्र में बेहतरीन नेतृत्व, नए प्रयोगों और स्थिरता के प्रयासों को सम्मानित किया गया।
नई दिल्ली, 20 दिसंबर 2025: क्रेडाई के राष्ट्रीय सम्मेलन की आज भव्य शुरुआत हुई। इस मौके पर वरिष्ठ नीति निर्माता, राज्यों के प्रतिनिधि और रियल एस्टेट जगत की बड़ी हस्तियां एक मंच पर आए। सम्मेलन के दौरान भारत की शहरी प्रगति और आर्थिक विकास में इस सेक्टर की बदलती भूमिका पर गहन मंथन हुआ। साथ ही, इस बात पर जोर दिया गया कि ‘विकसित भारत @2047’ के सपने को पूरा करने और समावेशी शहर बसाने में रियल एस्टेट की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।
उद्घाटन सत्र की शोभा भारत सरकार के माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने बढ़ाई। उनके साथ कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्र व राज्य सरकारों के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। इस मौके पर गृह मंत्री ने क्रेडाई की ‘पारिस्थितिक वनीकरण एवं बहाली’ पहल को लॉन्च किया। इस मुहिम के तहत महाराष्ट्र के नासिक जिले (पश्चिमी घाट) की सह्याद्रि पहाड़ियों में बसे 25 से अधिक गांवों की 9,000 एकड़ जमीन को फिर से हरा-भरा बनाया जाएगा।
अपने संबोधन में भारत सरकार के माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह ने कहा, “रियल एस्टेट भारत के शहरी कायाकल्प और आर्थिक उन्नति का एक प्रमुख आधार है। बीते दस वर्षों में हमारी सरकार ने स्पष्ट नीतियों, नियामक सुधारों और दूरदर्शी योजना के बल पर शहरी विकास को मजबूत बनाया है, जो ‘विकसित भारत @2047’ के लक्ष्य की ओर बढ़ता एक कदम है। मैं क्रेडाई की सराहना करता हूँ कि उन्होंने जिम्मेदार विकास की कमान संभाली है, खासकर उनकी 9,000 एकड़ की ‘इकोलॉजिकल रिस्टोरेशन’ पहल काबिले-तारीफ है। आज जब भारत विश्व-स्तरीय और समावेशी शहरों की ओर बढ़ रहा है, तो डेवलपर्स की यह जिम्मेदारी है कि वे अपनी हर परियोजना में पौधारोपण, सस्टेनेबिलिटी, कौशल विकास और सस्ते घरों को प्राथमिकता दें।”
भारत सरकार के माननीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव ने कहा, “मैं क्रेडाई की सामाजिक सरोकार से जुड़ी पहलों और पर्यावरण के प्रति उनकी गंभीरता की सराहना करता हूँ। रियल एस्टेट सेक्टर सिर्फ घर या दफ्तर ही नहीं बनाता, बल्कि लॉजिस्टिक्स पार्क्स और शहरी नवीनीकरण के जरिए रोजगार के नए अवसर और बेहतर जीवन स्तर भी सुनिश्चित करता है। प्रधानमंत्री जी के ‘विकसित भारत @2047’ के सपने को पूरा करने के लिए तरक्की और पर्यावरण की सुरक्षा को साथ लेकर चलना होगा। पर्यावरणीय मंजूरियों को आसान बनाने के साथ-साथ यदि यह सेक्टर ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण और वेस्ट मैनेजमेंट पर ध्यान दे, तो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए भविष्य के अनुकूल शहर बना पाएंगे।”
आंध्र प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, श्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “हैदराबाद में ‘इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस’ की स्थापना इसलिए संभव हो सकी क्योंकि हमने एक सहयोगी नीतिगत माहौल तैयार किया और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर जोर दिया। क्रेडाई नेशनल कॉन्क्लेव जैसे आयोजन सरकार और उद्योग जगत के बीच दूरियां पाटने और सहयोग बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। मैं सभी डेवलपर्स और संस्थानों को आंध्र प्रदेश आने का न्योता देता हूँ। हम आपको जमीन, बेहतर नीतियां और एक पारदर्शी सिस्टम देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, ताकि हम मिलकर टिकाऊ और समावेशी विकास की नई कहानी लिख सकें।”
सम्मेलन के पहले दिन का मुख्य फोकस आवास, नवाचार और सहयोगी शासन के जरिए भारत के शहरी कायाकल्प को गति देने पर रहा। गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना के माननीय मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों में विकास की प्राथमिकताओं और प्रशासनिक सुधारों के अनुभवों को साझा किया। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने क्रेडाई के नेतृत्व के साथ इस बात पर मंथन किया कि नीतियों को कैसे सरल बनाया जाए और शहरों के बुनियादी ढांचे के भविष्य को कैसे संवारा जाए।
क्रेडाई के नेशनल प्रेसिडेंट श्री शेखर पटेल ने कहा, “क्रेडाई नेशनल कॉन्क्लेव सरकारी नीतियों को उद्योग जगत के धरातल पर उतारने का एक महत्वपूर्ण सेतु है। वरिष्ठ मंत्रियों और राज्यों के नेताओं के साथ हुए संवाद से यह स्पष्ट है कि पारदर्शी नियमों, टिकाऊ शहरी नियोजन और तकनीक आधारित विकास की आज बड़ी दरकार है। गोवा-आईडीसी और आईआईएचएस के साथ किए गए रणनीतिक समझौते इस बात का प्रमाण हैं कि हम सिर्फ चर्चा नहीं कर रहे, बल्कि उसे ठोस जमीन पर उतार रहे हैं। ये कदम नए विचारों को सींचेंगे, निवेश का माहौल बनाएंगे और भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में ‘जिम्मेदार तरक्की’ को बढ़ावा देंगे। हमारा वादा है कि विकास सिर्फ रफ्तार तक सीमित न रहे, बल्कि वह स्मार्ट, सबको साथ लेकर चलने वाला और प्रकृति के अनुकूल हो।”
रणनीतिक सहयोग के मुख्य बिंदु:
• गोवा औद्योगिक विकास निगम के साथ समझौता: गोवा के वर्ना इंडस्ट्रियल एस्टेट में प्रस्तावित ‘हेलो वर्ल्ड इनोवेशन एंड रिसर्च पार्क’ के लिए एक विशेषज्ञ साझेदारी की गई है। यह पहल एक हाई-टेक कैंपस विकसित करने में मदद करेगी, जहाँ आईटी कंपनियां, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर और रिसर्च सेंटर एक ही छत के नीचे होंगे। इसमें पर्यावरण का ध्यान रखने और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
• इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट्स के साथ समझौता: इसका उद्देश्य व्यावहारिक शोध और परामर्श सेवाओं को सुदृढ़ करना है। यह साझेदारी ‘एश्योर’ कार्यक्रम के जरिए ‘हाई-परफॉरमेंस’ इमारतों के निर्माण को बढ़ावा देगी। चाहे प्रोजेक्ट बिल्कुल नया हो या पुराने ढांचे का नवीनीकरण, यह समझौता डेटा और रिसर्च के आधार पर शहरी विकास को आधुनिक बनाने का काम करेगा।
क्रेडाई के राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन देशभर के लगभग 600 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दिन का शानदार समापन ‘क्रेडाई अवार्ड्स फॉर रियल एस्टेट एक्सीलेंस’ के साथ हुआ, जिसमें इस क्षेत्र की असाधारण उपलब्धियों, नवाचार और नेतृत्व को सम्मानित किया गया।
इन पुरस्कारों के माध्यम से उन डेवलपर्स और प्रोजेक्ट्स को सराहा गया जिन्होंने कार्य-निष्पादन, सस्टेनेबिलिटी, सामाजिक प्रभाव और आधुनिक प्रणालियों को अपनाने में नए मानक स्थापित किए हैं। ये पुरस्कार भारतीय रियल एस्टेट जगत में गुणवत्ता और ‘जिम्मेदार विकास’ की एक मिसाल पेश करते हैं। बेहतरीन परियोजनाओं को मंच प्रदान कर, क्रेडाई अवार्ड्स का उद्देश्य उद्योग जगत को सर्वश्रेष्ठ कार्य-संस्कृतियों को अपनाने और तकनीक के समावेश के लिए प्रेरित करना है, ताकि पूरे देश में समावेशी और पर्यावरण के अनुकूल शहरों का निर्माण किया जा सके।



