साझा संकल्प से संभव है बाल विवाह मुक्त भारत का सपना : डीसी आयुष सिन्हा

Date:

फतेहपुर बिल्लौच व घरोड़ा बल्लभगढ़ में बाल विवाह के खिलाफ जन जागरूकता अभियान

फरीदाबाद, 16 दिसंबर।

भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत मंगलवार को उपायुक्त (डीसी) आयुष सिन्हा के मार्गदर्शन में फरीदाबाद के गांव फतेहपुर बिल्लौच तथा गांव घरोड़ा बल्लभगढ़ सहित आसपास के अन्य इलाकों में बाल विवाह के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान उपस्थित नागरिकों को यह संकल्प भी दिलाया गया कि वे किसी भी परिस्थिति में बाल विवाह नहीं करवाएंगे और न ही होने देंगे। साथ ही कैंडल मार्च भी निकाला गया।

संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी हेमा कौशिक ने बताया कि कार्यक्रमों के दौरान स्थानीय नागरिकों, महिलाओं, युवाओं, पंचायत प्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने बाल विवाह से होने वाले सामाजिक, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य संबंधी नुकसानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के कानूनी प्रावधानों की भी जानकारी दी गई। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित नागरिकों को यह संकल्प दिलाया गया कि वे किसी भी परिस्थिति में न तो बाल विवाह करवाएंगे और न ही अपने आसपास कहीं होने देंगे। लोगों से अपील की गई कि यदि उन्हें कहीं भी बाल विवाह की जानकारी मिले तो वे तुरंत संबंधित विभाग या प्रशासन को सूचित करें, ताकि समय रहते उचित कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने यह भी बताया कि यदि कहीं बाल विवाह होने की जानकारी मिले, तो तुरंत उसे रोकने का प्रयास करें और निकटतम पुलिस थाने या चौकी को सूचित करें। इसके अलावा पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन करके भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। शिकायतकर्ता की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी।

जागरूकता कार्यक्रमों के उपरांत कैंडल मार्च का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। हाथों में मोमबत्तियां लेकर प्रतिभागियों ने बाल विवाह के विरुद्ध एकजुटता का संदेश दिया और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प दोहराया। कैंडल मार्च के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा एवं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए समाज का हर वर्ग जिम्मेदार है।

हेमा कौशिक ने कहा कि सरकार बच्चों की शिक्षा, उनके अधिकारों की सुरक्षा और कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है, किंतु समाज की भागीदारी के बिना इन्हें प्रभावी बनाना कठिन है। बच्चों का शिक्षित होना, उनका स्वस्थ व सुरक्षित विकास सुनिश्चित करना, पूरे समाज का दायित्व है। जब तक लोग बाल विवाह के विरोध में सजग नहीं होंगे, तब तक इस समस्या को पूरी तरह खत्म करना संभव नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_img

Popular

More like this
Related

21 दिसम्बर को सघन पल्स पोलियो अभियान, 63 हजार से अधिक बच्चों को पिलाई जाएगी खुराक

एक भी बच्चा न छूटे, शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करें...

पुरानी मंडी में नो पार्किंग जोन को लेकर जिला दण्डाधिकारी ने जारी की प्रारूप अधिसूचना

मंडी, 16 दिसम्बर। जिला दण्डाधिकारी मंडी अपूर्व देवगन द्वारा पुरानी...