हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो द्वारा नशे के विरुद्ध अभियान

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यद्यपि दण्ड आवश्यक है तथापि नशे से दूर रहने के लिए हृदय परिवर्तन का मार्ग सकारात्मक, सरल एवं सुखद – उप निरीक्षक डॉ अशोक

फरीदाबाद। हरियाणा राज्य को नशा मुक्त करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल का गठन किया है। ब्यूरो प्रमुख श्री ओपी सिंह साहब नशा मुक्त हरियाणा के लिए अनेक योजनाओं के माध्यम से कार्यशील हैं। ब्यूरो की पुलिस अधीक्षक श्रीमती पंखुरी कुमार के मार्गदर्शन में ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी/ उप निरीक्षक डॉ अशोक कुमार वर्मा प्रतिदिन हरियाणा के किसी न किसी भाग में नशे के विरुद्ध प्रसार में जुटे हुए हैं। वे आज फरीदाबाद में थे। बल्लबगढ़ से लेकर विभिन्न सेक्टरों, मुजेसर, बाटा चौक, नीलम चौंक, ओल्ड फरीदाबाद, बड़कल, सेक्टर 28, मेवला महाराज चौक, सेक्टर 46, मानव रचना चौक, पाली और वापस बल्लबगढ़ तक साइकिल पर नशे के विरुद्ध पट्टी लगाए हुए थे। लोगों को नशे के दुष्परिणामों बारे जागरूक कर रहे थे। तत्पश्चात वे सेक्टर 46 आयशर स्कूल में पहुंचे। ब्यूरो द्वारा वहां पर अवकाश के दिन विशेष रूप से एक दिवसीय नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया जिसमे 105 से अधिक बस चालक परिचालक सुरक्षा कर्मी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता यातायात प्रबंधक मनमोहन सिंह द्वारा की गयी। ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी उप निरीक्षक डॉ अशोक कुमार वर्मा ने बस चालकों और परिचालकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्हें नारनौल में निजी विद्यालय के बस चालक द्वारा नशे में धुत होकर लापरवाही बरतने के कारण विद्यार्थियों की मृत्यु से सीख लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यद्यपि श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड में वर्णित वाक्य “विनय न मानत जलधि जड़ गए तीन दिन बीती। बोले राम सकोप तब भय बिनु होइ न प्रीति” के अनुसार नियमों को समुचित अनुपालना कराने के लिए दण्ड का भय आवश्यक है तथापि हृदय परिवर्तन के द्वारा भी लोगों को जागरूक करके नियमों की पालना करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। यह प्रेरणात्मक मार्ग सरल और सुखद है। उन्होंने बताया कि ब्यूरो प्रमुख श्री ओपी सिंह साहब द्वारा हृदय परिवर्तन नामक नई अवधारणा का सृजन किया गया है ताकि लोगों को सकारात्मक मार्ग द्वारा नशे जैसी बुराई से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा सके। जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी डॉ अशोक कुमार वर्मा ने उपस्थित लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि नशा दो प्रकार का है। एक प्रतिबंधित दूसरा चेतावनी युक्त अप्रतिबंधित। उन्होंने बताया कि नशीली दवाएं या नशीले पदार्थ ऐसे रासायनिक हैं जो हमारे शरीर की कार्यप्रणाली को बदल देते हैं। परिभाषा देते हुए उन्होंने बताया कोई भी रसायन, जो किसी व्यक्ति की शारीरिक या मानसिक कार्यप्रणाली में बदलाव लाए, मादक पदार्थ कहलाता है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित नशा एनडीपीएस एक्ट 1985 के अंतर्गत पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। उन्होंने ब्यूरो के हेल्पलाइन नंबर 9050891508 का वर्णन किया और कहा कि इस पर गुप्त सूचनाएं देकर नशा मुक्त हरियाणा अभियान में सहयोग करें। कार्यक्रम के अंत में शपथ ग्रहण करवाई गई।

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